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भारत में बाजरे की टॉप 10 किस्में, जिसे अपने खेत में बुआई करने से होगी बम्पर पैदावार किसानो की होगी चांदी

बाजरा एक प्रमुख खाद्यान्न फसल है, जिसे मुख्य रूप से भारत में उगाया जाता है। यह सूखे और कम उपजाऊ भूमि पर भी अच्छी उपज देती है, जिससे यह छोटे और सीमांत किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण फसल बन जाती है। यहाँ हम बाजरे की टॉप 10 किस्मों और उनके फायदे के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे।

भारत में बाजरे की टॉप 10 किस्में

1. डब्ल्यूसीसी-75 (WCC-75)

  • उपज: 25-30 क्विंटल प्रति हेक्टेयर
  • विशेषता: यह किस्म सूखा प्रतिरोधी है और इसकी अवधि 75-80 दिनों की होती है। यह मध्यम अवधि की किस्म है जो समय पर पक जाती है और उच्च उपज देती है।
  • फायदे: यह किस्म सूखे में भी अच्छी उपज देती है और इसकी पकने की अवधि कम होने के कारण किसान जल्दी फसल काट सकते हैं।

2. पीएचबी 10 (PHB 10)

  • उपज: 30-35 क्विंटल प्रति हेक्टेयर
  • विशेषता: यह जल्दी पकने वाली किस्म है, जिसकी उच्च गुणवत्ता वाली दाने होते हैं। इसकी पकने की अवधि लगभग 70-75 दिनों की होती है।
  • फायदे: उच्च उपज और जल्दी पकने के कारण किसान इसे ज्यादा पसंद करते हैं। यह किस्म रोग प्रतिरोधक भी होती है।

3. आरएचबी 121 (RHB 121)

  • उपज: 28-32 क्विंटल प्रति हेक्टेयर
  • विशेषता: यह किस्म रोग प्रतिरोधक है और इसकी अवधि 80-85 दिनों की होती है। इसकी उपज भी उच्च होती है।
  • फायदे: रोग प्रतिरोधकता और उच्च उपज इसे किसानों के बीच लोकप्रिय बनाती है।

4. एचएचबी 67 (HHB 67)

  • उपज: 25-30 क्विंटल प्रति हेक्टेयर
  • विशेषता: यह किस्म सूखा प्रतिरोधी है और इसकी अवधि 70-75 दिनों की होती है। यह मध्यम अवधि की किस्म है।
  • फायदे: यह सूखे में भी अच्छी उपज देती है और इसकी पकने की अवधि कम होती है।

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5. कोईम्बटूर पी 3 (Coimbatore P 3)

कोईम्बटूर पी 3 एक प्रमुख किस्म है जिसे तमिलनाडु कृषि विश्वविद्यालय ने विकसित किया है। यह किस्म सूखा प्रतिरोधी और रोग प्रतिरोधी है।

  • उपज: 25-28 क्विंटल प्रति हेक्टेयर।
  • पकने का समय: 80-85 दिन।
  • लाभ: सूखा प्रतिरोधी, रोग प्रतिरोधी।
  • खास बात: तमिलनाडु और आसपास के क्षेत्रों में इसकी खेती की जाती है।

6. राज 171 (Raj 171)

  • उपज: 30-35 क्विंटल प्रति हेक्टेयर
  • विशेषता: यह किस्म रोग प्रतिरोधक है और इसकी अवधि 80-85 दिनों की होती है। यह मध्यम अवधि की किस्म है।
  • फायदे: अच्छी गुणवत्ता वाले दाने और रोग प्रतिरोधकता इसे किसानों के बीच पसंदीदा बनाती है।

7. बीज-2000 (Bij-2000)

  • उपज: 28-32 क्विंटल प्रति हेक्टेयर
  • विशेषता: यह जल प्रतिरोधक किस्म है और इसकी अवधि 75-80 दिनों की होती है। यह किस्म अधिकतर क्षेत्रों में उगाई जा सकती है।
  • फायदे: जल प्रतिरोधकता और उच्च उपज इसे विभिन्न जलवायु क्षेत्रों के लिए उपयुक्त बनाती है।

8. सुधा (Sudha)

  • उपज: 27-30 क्विंटल प्रति हेक्टेयर
  • विशेषता: यह किस्म उच्च गुणवत्ता वाला दाना उत्पन्न करती है और इसकी अवधि 80-85 दिनों की होती है। यह सूखा प्रतिरोधक भी होती है।
  • फायदे: उच्च गुणवत्ता वाले दाने और सूखा प्रतिरोधकता इसे किसानों के लिए आकर्षक बनाती है।

9. शक्ति (Shakti)

  • उपज: 28-32 क्विंटल प्रति हेक्टेयर
  • विशेषता: यह सूखा प्रतिरोधी किस्म है और इसकी अवधि 80-85 दिनों की होती है। इसकी उपज भी उच्च होती है।
  • फायदे: सूखा प्रतिरोधकता और उच्च उपज इसे कठिन परिस्थितियों में भी उपयुक्त बनाती है।

10. पीबी-167 (PB-167)

  • उपज: 30-35 क्विंटल प्रति हेक्टेयर
  • विशेषता: यह रोग प्रतिरोधक किस्म है और इसकी अवधि 85-90 दिनों की होती है। यह उच्च पोषण मूल्य वाला होता है।
  • फायदे: रोग प्रतिरोधकता और उच्च पोषण मूल्य इसे किसानों के लिए एक उत्तम विकल्प बनाते हैं।

बाजरा खाने के फायदे

पोषण मूल्य: बाजरा विटामिन बी, कैल्शियम, आयरन और मैग्नीशियम का अच्छा स्रोत है। यह पोषक तत्वों की प्रचुरता के कारण शरीर को आवश्यक पोषण प्रदान करता है।

पाचन स्वास्थ्य: इसमें उच्च मात्रा में फाइबर होता है, जो पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में मदद करता है। यह कब्ज और अन्य पाचन समस्याओं को दूर करने में सहायक होता है।

ग्लूटेन मुक्त: यह ग्लूटेन मुक्त होता है, इसलिए सीलिएक रोगियों के लिए उपयुक्त है। ग्लूटेन सेंसिटिव लोगों के लिए बाजरा एक अच्छा विकल्प है।

वजन प्रबंधन: कम कैलोरी और उच्च फाइबर होने के कारण, यह वजन घटाने में सहायक है। यह भूख को नियंत्रित करता है और पेट को लंबे समय तक भरा हुआ महसूस कराता है।

दिल के स्वास्थ्य: बाजरा कोलेस्ट्रॉल को कम करने और दिल की बीमारियों के जोखिम को कम करने में मदद करता है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स दिल के स्वास्थ्य को बनाए रखते हैं।

रक्त शर्करा: इसका कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स है, जिससे यह रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है। यह मधुमेह रोगियों के लिए भी लाभकारी है।

हड्डियों की मजबूती: इसमें कैल्शियम और मैग्नीशियम होने के कारण यह हड्डियों को मजबूत बनाता है। यह ऑस्टियोपोरोसिस जैसी हड्डियों की बीमारियों से बचाने में मदद करता है।

ऊर्जा का स्रोत: इसमें प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट की उच्च मात्रा होती है, जो शरीर को ऊर्जा प्रदान करती है। यह दिनभर की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में सहायक होता है।

त्वचा और बालों के लिए: विटामिन और मिनरल्स की प्रचुरता के कारण यह त्वचा और बालों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है। यह त्वचा को चमकदार और बालों को मजबूत बनाता है।

रोग प्रतिरोधक क्षमता: इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स और मिनरल्स रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं। यह शरीर को विभिन्न बीमारियों से बचाने में मदद करता है।

FAQ

प्रश्न 1: बाजरे की खेती के लिए सबसे उपयुक्त मिट्टी कौन सी है?

उत्तर: बाजरे की खेती के लिए दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त होती है, जिसमें अच्छी जल निकासी होनी चाहिए। यह मिट्टी पौधों को आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करती है और जल अवशोषण में मदद करती है।

प्रश्न 2: बाजरे की फसल कितने समय में तैयार हो जाती है?

उत्तर: बाजरे की फसल 75-85 दिन में तैयार हो जाती है, जो किस्म के अनुसार बदल सकता है। जल्दी पकने वाली किस्में 70-75 दिनों में तैयार हो जाती हैं, जबकि अन्य किस्में 80-90 दिनों में तैयार होती हैं।

प्रश्न 3: बाजरे की उपज बढ़ाने के लिए कौन-कौन से उपाय किए जा सकते हैं?

उत्तर: उपज बढ़ाने के लिए सही किस्म का चयन, संतुलित उर्वरकों का उपयोग, जल प्रबंधन और कीट नियंत्रण आवश्यक है। समय-समय पर खेत की जांच और उचित देखभाल से उपज को बढ़ाया जा सकता है।

प्रश्न 4: बाजरे का सेवन कैसे किया जा सकता है?

उत्तर: बाजरे का उपयोग रोटी, दलिया, खिचड़ी, उपमा, लड्डू और कई अन्य व्यंजनों में किया जा सकता है। बाजरे की रोटी, जिसे “बाजरे की रोटी” कहा जाता है, सबसे लोकप्रिय है और इसे घी या मक्खन के साथ खाया जाता है।

प्रश्न 5: क्या बाजरा ग्लूटेन मुक्त होता है?

उत्तर: हां, बाजरा ग्लूटेन मुक्त होता है और ग्लूटेन संवेदनशील व्यक्तियों के लिए उपयुक्त होता है। यह सीलिएक रोगियों के लिए एक सुरक्षित और स्वस्थ विकल्प है।

प्रश्न 6: बाजरे की खेती में कौन-कौन सी चुनौतियाँ होती हैं?

उत्तर: बाजरे की खेती में सूखा, कीट और रोग, जलवायु परिवर्तन, और मिट्टी की गुणवत्ता प्रमुख चुनौतियाँ होती हैं। उचित प्रबंधन और आधुनिक कृषि तकनीकों का उपयोग करके इन चुनौतियों का सामना किया जा सकता है।

प्रश्न 7: बाजरे की खेती के लिए किस प्रकार की जलवायु उपयुक्त होती है?

उत्तर: बाजरे की खेती के लिए गर्म और शुष्क जलवायु सबसे उपयुक्त होती है। यह फसल 25-35 डिग्री सेल्सियस तापमान में अच्छी तरह उगती है और कम वर्षा वाले क्षेत्रों में भी सफलतापूर्वक उगाई जा सकती है।

प्रश्न 8: बाजरे का पोषण मूल्य क्या है?

उत्तर: बाजरा विटामिन बी, कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, और फाइबर का अच्छा स्रोत है। इसमें प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट भी प्रचुर मात्रा में होते हैं, जो इसे एक पौष्टिक अनाज बनाते हैं।

प्रश्न 9: क्या बाजरा बच्चों के लिए अच्छा है?

उत्तर: हां, बाजरा बच्चों के लिए अच्छा है। इसमें मौजूद पोषक तत्व बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए महत्वपूर्ण होते हैं। यह बच्चों की हड्डियों और मांसपेशियों को मजबूत बनाने में मदद करता है।

प्रश्न 10: बाजरे का उपयोग अन्य किस प्रकार के उत्पादों में किया जा सकता है?

उत्तर: बाजरे का उपयोग कई प्रकार के उत्पादों में किया जा सकता है, जैसे बाजरे का आटा, बाजरे की रोटी, बाजरे की खिचड़ी, बाजरे का दलिया, और बाजरे के लड्डू। इसके अलावा, इसे स्नैक्स, ब्रेड, और बिस्कुट में भी इस्तेमाल किया जा सकता है।

 

उम्मीद है कि यह जानकारी आपके लिए उपयोगी होगी। बाजरा एक बहुपयोगी और पौष्टिक अनाज है, जिसे अपनी आहार योजना में शामिल करके आप कई स्वास्थ्य लाभ प्राप्त कर सकते हैं। यदि आपके कोई और प्रश्न हैं, तो कृपया पूछें!

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